Gallery

क्या मोदी को हिन्दुवादी होने के प्रमाणपत्र की जरूरत है? 


उसने इशरत का एनकाउंटर कराया। शोहराबुद्दीन का एनकाउन्टर कराया। पूरे गुजरात में चुन चुन कर मुस्लिम आतंकियो और गुंडों का सफाया किया। उसने गोधरा में शहीद हुए कारसेवकों की शहादत का बदला लिया। और इन सबके परिणामस्वरूप उसे लगातार यातना झेलनी पड़ी। उसे कदम दर कदम बेइज्जत किया गया। उसे फसाने के लिए पूरा सरकारी तंत्र उसके पीछे झोंक दिया गया। अनगिनत मामले उसके खिलाफ दर्ज किए गए। लेकिन वो नहीं डिगा एक पल भी, ना झुका। उसे मारने के लिए आतंकियो को मदद देकर भेजा गया। जांच के बहाने घण्टो बैठा कर परेशान किया गया लेकिन वो छिपकर भागा नहीं ना ही वो मरने के डर से कभी रोया। वो अटल रहा, अविचलित रहा, सब सहा, पर किसी के आगे ना कभी झुका, ना कभी अपना दुख नहीं कहा। उसने खुल कर कहा पूरी दुनिया के सामने की वो “हिन्दू राष्ट्रवादी” है और अपनी परम्पराओं पर चलेगा लेकिन सम्मान सबका करेगा। उसने जो किया उसके लिए कभी ढिंढोरा नहीं पीटा।  उसके खिलाफ लोग षड्यंत्र रचते रहे मगर वो किसी बात की परवाह किये बिना चुपचाप अपना काम करता रहा। उसने कभी हिन्दुओं को ये नहीं कहा मैं तुम्हारा नेता हूँ लेकिन बिना कहे उसने अपना फर्ज निभाया। उसने जो करना था वो किया लेकिन दुनिया में हल्ला नहीं मचाया क्योंकि उसका कर्म करने में विश्वास था। उसके समर्थन में एक भी स्वयं को बड़ा हिन्दूवादी कहने वाला नेता नहीं आया। उसके समर्थन में किसी ने कोंग्रेस सरकार के खिलाफ आवाज नहीं उठाई। उसने फिर भी किसी से शिकायत नहीं की ना किसी पर उंगली उठाई। जरा बताना कोई कितने लोग आए थे तब उसके समर्थन में? कितनों ने कोंग्रेस सरकार की ज्यादतियों और जांच एजेंसीयों के दुरुपयोग के खिलाफ आवाज उठाई थी। उसे मारने आतंकी भेजे गये , कितने लोगों ने आवाज उठाई? आंदोलन किया उसके लिए । वो जो सालों तक भुगतता रहा अपमान सहता रहा तब किसी के हलक से आवाज तक नहीं निकली और आज उसपे बेबुनियाद सा आरोप लगा दिया सिर्फ इसलिए की वो तुम्हारे इशारों पर नहीं नाच रहा। कमाल है!!

आज उस पर जो आरोप लगाया गया है उसमें नया क्या है उस पर तो सारे विरोधी वर्षों से ये आरोप लगाते रहे है। सारे विपक्ष सहित दो कौड़ी के कन्हैया कुमार, हार्दिक , उमर खालिद , जिग्नेश मेवानी जैसे समाज के कोढ़ तक यही कहते है वो हमारा एनकाउन्टर करवाना चाहता है। आरोप वर्षो से लगाये जा रहे है और पूरा देश इस बात को समझता है की सारे आरोप फर्जी है। आज जो आरोप लगाया गया उसमें नया कुछ नहीं है पूर्व के आरोपों की एक कड़ी मात्र है। कोई बतायेगा उसने कितने राजनीतिक विरोधियों का एनकाउन्टर कराया अब तक? एक भी नहीं फिर भी रोज उसे नीचा दिखाने का प्रयास किया जाता रहा है। शायद उसकी गलती ये है उसने कभी भीड़ के सामने खड़े होकर ऐलान नहीं किया की वो सिर्फ हिन्दूवादी है, उसकी गलती ये है की उसने कभी भीड़ के सामने खड़े होकर हिन्दुत्व पर रगों में उबाल लाने वाले भाषण नहीं दिए, उसकी गलती ये है की उसने बेवजह की हिंसा को जायज नहीं ठहराया। उसकी गलती ये है वो गद्दी पर आने के बाद देश के संविधान के मुताबिक चल रहा है ना कि कुछ लोगों  के हिसाब से। उसकी गलती ये है की स्वामी विवेकानंद जी के हिन्दुत्व पर चल कर पुनः हिन्दुत्व को दुनिया में पुनर्स्थापित करने का प्रयास कर रहा है। उसकी गलती ये है की वो सनातन धर्म के “वसुधैव कुटुंबकम” के सिद्धांत पर चलकर बेवजह किसी को भी मारने या डराने का समर्थन नहीं करता। उसकी गलती ये है वो जो हिन्दुत्व के लिए करता है या अब तक जो उसने हिन्दुत्व के लिए किया वो सब चीख चीख नहीं कहा। शायद इसी लिए अब कुछ लोग उसे हिन्दूवादी नहीं मानते बल्कि अपना विरोधी समझ रहे है। उसे जरूरत नहीं है किसी सर्टिफिकेट की। वो जानता है उसे क्या करना है , कैसे करना है और कब करना है। कितना भी चिल्लाओ उसे फर्क नहीं पड़ेगा। वो चुपचाप काम करने में यकीन करता है। वो कर्म करने में विश्वास करता है। वो सनातन धर्म में विश्वास करता है, स्वामी विवेकानंद और संघ के सिद्धांतों में विश्वास करता है। इतना काफी है उसके लिए रखो अपना प्रमाणपत्र अपने पास। वो जो करेगा, कहेगा नहीं और जो उसे करना है वो कर के रहेगा। करेगा अपनी मर्जी से , नहीं नाचेगा किसी के इशारों पर।

Leave a comment