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प्रमुख मुस्लिम नेताओं के भारत के प्रती सेकुलर वचन


प्रमुख मुस्लिम नेताओं के भारत के प्रती सेकुलर वचन ——————————————————– (1) हामिद दलवई का मत है कि ‘आज भी भारत के मुसलमानों और पाकिस्तान में भी प्रभावशाली गुट हैं, जिनकी अन्तिम मांग पूरे भारत का इस्लाम में धर्मान्तरण है।’ (मुस्लिम … Continue reading

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इस्लाम और कांग्रेस


इस्लाम और कांग्रेस में समानताये 1.इस्लाम कहता है की वो सर्वोपरि है , कांग्रेस के लिए गाँधी परिवार सर्वोपरि है 2.इस्लाम हिन्दुओ को अपना सबसे बड़ा दुश्मन मानता है कांग्रेस भी यही मानती है । 3.इस्लाम के अनुसार सारे फायदे … Continue reading

सेकुलरिज्म की समस्या :


मन में बड़ी वेदना है की क्या इस देश में हिन्दू होना गुनाह है क्या हिन्दू होना ही साम्प्रदायिकता है ??????

कई दिनों से देख रहा हूँ की लोगो को बड़ी तकलीफ हो रही है मुझसे की मै आजकल सिर्फ सांप्रदायिक बाते करता हूँ | जब भी मै हिन्दुत्व की बात करता हू तो लोगो को लगता है मै कट्टर हो गया हो धरम के प्रति तो यहाँ मै एक बात बता देना चाहूँगा की कट्टर होने में कोई बुराई नहीं है | हिन्दू अगर कट्टर होता ह

ै तो वो अपने धरम की रक्षा के लिए ना की किसी दुसरे धरम के लोगो की हत्या या उनके धरम पर हमला करने के लिए |
इतिहास गवाह है हिन्दू चाहे कितना भी कट्टर हुआ हो उसने किसी को बेवजह नुकसान नहीं पहुँचाया पर उसने हमेशा अपने धारण की रक्षा के लिए सश्त्र जरुर उठाये है और मै समझता हु इसमें कोई बुराई नहीं है |
इस्लाम कहता है अगर तुम इस्लाम को नहीं मानते तो तुम काफीर हो तुमको जीने का कोई हक नहीं है जबकि मेरा सनातन धरम कहता है सब धरम एक है | लेकिन जब मेरे उसी सनातन धरम पर कोई प्रहार करे तो क्या मेरा कर्तव्य नहीं बनता की मै उसकी रक्षा करू |जिस गौ को मै माता मानता हु उसकी हत्या का विरोध करना क्या मेरा कर्तव्य नहीं है मै एक बात साफ़ कर देना चाहूँगा की मै ऐसे किसी धरम ऐसे किसी खुदा या अल्लाह को नहीं मान सकता जो यह कहता हो की उससे नहीं मानने वाला काफ़िर है | रही बात मेरे कट्टर होने की तो अगर हिन्दू अस्मिता की बात करना कट्टरता है तो मै कट्टर हु अगर हिन्दू हित की बात करना साम्प्रदायिकता है तो मै सांप्रदायिक हूँ | अगर अपने भगवन राम में आस्था रखना साम्प्रदायिकता है तो मै सांप्रदायिक हूं | मै उन सभी कारणों के लिए कट्टर रहूँगा अपने धरम के प्रति जो मेरे सनातन धरम पर चोट करेंगे | कुछ सवालों के जवाब उन सब से जो मुझे भाईचारे का पाठ पढ़ाते है :01.जब ओवैसी भाई हमारे आस्था के प्रतीक भाग्यलक्ष्मी मंदिर को खुलेआम तोड़ने की बात करते है तो सब चुप क्यों रहते है ? और जब हम अपने आराध्य श्री राम का मंदिर उनकी जन्मभूमि अयोध्या में बनाने की बात करते है तो सांप्रदायिक क्यों हो जाते है? !!!! मै पूछना चाहता हूँ कथित भाईचारे के ठेकेदारों से की हम श्री राम का मंदिर अयोध्या में नहीं तो क्या मक्का मदीना में बनाए ?02. हम पर सवाल उठाने वाले कभी उन पर सवाल क्यों नहीं उठाते जो माँ भारती को डायन कहते है और वन्देमातरम का अपमान करते है ?03.तिरंगे को जलाने वालो पे क्यों खामोश रहते है ये सब?

04.कहाँ मर जाते है सब जब हम कश्मीरी पंडितो की बात करते है ?

05.गोधरा पर छाती पीटने वाले क्यों कभी असम की बात नहीं करते है ?

06. मुसलमानों के लिए देश में अल्पसंख्यक के नाम पर विशेष कानून बन जाते है जबकि हिन्दू कभी अपने लिए विशेष कानून बनाने को नहीं कहता है बल्कि वो तो समान नागरिक कानून की बात करता है तो सब क्यों चुप रहते है क्यों उसे खा जाने वाली नजरो से देखा जाता है जैसे उसने कोई गुनाह कर दिया हो ?

07. हज़ यात्रा का हमने कभी विरोध नहीं किया न कभी हज़ पर दी जाने वाली सब्सिडी का विरोध किया लेकिन अमरनाथ यात्रा पर की बात करने वाले फिर भी धर्मनिरपेक्ष और हम सम्प्रदियिक क्यों हो जाते है ?

08. दुसरे देशो में मुस्लिमो के साथ कुछ भी होने पर भारत के मस्लिम भारत में क्यों तोड़फोड़ और विरोध प्रदर्शन करते है ? जबकि यहाँ के हिन्दुओ के साथ कुछ भी होने पर चुप रहते है !!!!!!

09.साम्प्रदायिकता निवारण बिल के नाम पर क्यों सिर्फ हिन्दू विरोधी कानून बनाये जाते है ?

10.हिन्दू सांप्रदायिक क्यों जबकि भूतकाल से लेकर आजतक उसने किसी दंगे की शुरुआत नहीं की ? क्या अपना बचाव करना साम्प्रदायिकता है ???!!!!!!!!

11.हिन्दू सदैव कहता है राष्ट्र सर्वोपरी जबकि मुसलमान के लिए इस्लाम सर्वोपरी है फिर भी मुस्लिम राष्ट्रभक्त कैसे ??

मै जानता हूँ किसी सेकुलर के पास कोई जवाब नहीं होगा अगर होगा भी तो ये कहेगा की सारे मुस्लिम ऐसे नहीं है ? तो फिर मेरा ये भी सवाल है की फिर सारे मुस्लिम कैसे है ? शाही इमाम जैसे , जाकिर नाइक जैसे , आज़म खान जैसे , या फिर ओवैसी भाइयो जैसे जो इनका नेतर्त्व करते है !!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!

कुछ दिनों से मै देख रहा हूं की मै हिंदुत्व पर खतरे की बात वाला कोई भी पोस्ट करता हु तो कुछ लोगो को बड़ा बुरा लगता है की मै तो हिन्दू मुस्लिम की बात करता हू | मेरा उन सभी भाइयो दोस्तों , बहनों से विनम्र निवेदन है की वो अगर मेरे पोस्ट से सहमत नहीं हो तो मेरे पोस्ट को नज़रन्दाज कर दे या जरा भी बर्दास्त नहीं हो उनसे ऐसे पोस्ट तो मै उनसे कहना चाहूँगा की वो मुझे फ़ौरन अपनी मित्र सूचि से हटा दे और अगर मेरा पेज लाइक कर रखा हो तो उसे भी अन्लाइक कर दे | मुझे ऐसे लोगो की ऐसे दोस्तों की ऐसे भाइयो, ऐसी बहनों की कोई जरुरत नहीं है जो मेरे धरम पर कटाक्ष करने वालो का परोक्ष समर्थन करते हो झूठी धरमनिर्पेक्षता के नाम पर और हमें सांप्रदायिक समझते हो |

धन्यवाद

निखिल दाधीच (एक हिन्दू)
जय श्री राम जय माँ भारती वन्देमातरम