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मेरे मालीक मेरे मौला


मेरे मालीक मेरे मौला , तु आज अता कर दे इतना

तु आज अता कर दे इतना , दौलत ना अता कर तु चाहे

शौहरत ना अता कर तु चाहे , बस आज अता कर दे इतना

खुशियों से सब आबाद रहे , ना दुखी कोइ इनसान रहे

ना बैर भाव हो कभी कहीं , इनसान इनसान में प्यार रहे

राम और अकबर मे प्यार रहे , ना इनमें कोइ दीवार रहे

दोनो ही की महके बगिया , अमन चैन आबाद रहे

बस इतना अता कर तु मौला , बस इतना अता कर तु मालीक

2 comments on “मेरे मालीक मेरे मौला

  1. Hmmmm niku ji , aap bahut hi acche insaan hai ye baat tho muje pata thi.. Magar aapke vicharo ko sun kar mai aaj aapki dosti ko paa kar bahut khush ho gya hun..:)

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