मेरे मालीक मेरे मौला , तु आज अता कर दे इतना
तु आज अता कर दे इतना , दौलत ना अता कर तु चाहे
शौहरत ना अता कर तु चाहे , बस आज अता कर दे इतना
खुशियों से सब आबाद रहे , ना दुखी कोइ इनसान रहे
ना बैर भाव हो कभी कहीं , इनसान इनसान में प्यार रहे
राम और अकबर मे प्यार रहे , ना इनमें कोइ दीवार रहे
दोनो ही की महके बगिया , अमन चैन आबाद रहे
बस इतना अता कर तु मौला , बस इतना अता कर तु मालीक
Hmmmm niku ji , aap bahut hi acche insaan hai ye baat tho muje pata thi.. Magar aapke vicharo ko sun kar mai aaj aapki dosti ko paa kar bahut khush ho gya hun..:)
Nice